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Gurdaspur पुलिस पोस्ट हमलावर आतंकी एनकाउंटर में ढेर, जानें पिलीभीत से क्या है कनेक्शन!

18 दिसंबर की रात, पंजाब के Gurdaspur जिले के कालनौर पुलिस स्टेशन की बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले आतंकियों को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुए एक एनकाउंटर में मार गिराया गया। ये तीनों आतंकी खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े हुए थे।

कौन थे ये आतंकी?

एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की पहचान इस प्रकार की गई है:

  1. विरेंद्र सिंह उर्फ रवि – पिता: रंजीत सिंह उर्फ जीता, निवासी: गांव अगवान।
  2. गुरविंदर सिंह – निवासी: मोहल्ला कालनौर।
  3. जशनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह – पिता: स्वरूप सिंह, निवासी: गांव निक्का शाहूर।

गुरविंदर सिंह: कई मामलों में वांछित

गुरविंदर सिंह, जो पुलिस चौकी पर हमले में शामिल था, कालनौर के पास के गांव रहिमाबाद का निवासी था। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से वह कालनौर में रह रहा था।

  • गुरविंदर को उसके माता-पिता ने गोद लिया था।
  • खराब संगति में पड़ने के कारण उसने कई लूटपाट और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया।
  • किला लाल सिंह इलाके में उसने एक युवक की हत्या कर उसे नहर में फेंक दिया था।
  • इस हत्या के मामले में उस पर केस दर्ज हुआ था और वह कुछ समय के लिए जमानत पर था।
  • हत्या के बाद उसने अपने माता-पिता से दूरी बना ली और अकेले कालनौर में रहने लगा।
  • जानकारी के मुताबिक, उसके कुछ रिश्तेदार पीलीभीत में रहते हैं।

विरेंद्र सिंह: एक ट्रक ड्राइवर

विरेंद्र सिंह उर्फ रवि, जो इस हमले में शामिल था, ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करता था।

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  • विरेंद्र के दो भाई और पांच बहनें हैं।
  • वर्तमान में उसके घर पर कोई नहीं है। उसकी मां बीमार होने के कारण कहीं बाहर गई हुई हैं, और घर पर ताला लगा है।

जशनप्रीत सिंह: पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप

जशनप्रीत सिंह, जो पीलीभीत एनकाउंटर में मारा गया, गांव निक्का शाहूर का निवासी था।

  • जशनप्रीत की पत्नी गुरप्रीत कौर और उसकी मां ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है।
  • गुरप्रीत ने बताया कि जशनप्रीत एक हफ्ते पहले ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करने गया था।
  • बख्शीवाल और वडाला बांगड़ में धमाकों के बाद, पुलिस उनके घर नहीं आई थी। लेकिन अब खबर आई कि पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया।
  • जशनप्रीत की पत्नी और मां ने पंजाब सरकार से न्याय की मांग की है।
  • गौरतलब है कि जशनप्रीत की शादी तीन महीने पहले गुरप्रीत कौर से हुई थी।

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आतंकी संगठन: खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स

एनकाउंटर में मारे गए ये तीनों आतंकी खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े थे।

  • केजेडएफ एक उग्रवादी संगठन है जो खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देता है।
  • यह संगठन सीमा पार से होने वाले आतंकी गतिविधियों और हमलों में शामिल रहा है।
  • बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला इसी संगठन की योजना का हिस्सा था।

पीलीभीत से कनेक्शन: क्यों महत्वपूर्ण है यह जिला?

पीलीभीत, उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती जिला है, जो अक्सर आतंकियों की गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता है।

  • गुरविंदर सिंह के कुछ रिश्तेदार पीलीभीत में रहते हैं, जिससे इन आतंकियों का वहां संपर्क बना।
  • पुलिस को सूचना मिली थी कि ये आतंकी पीलीभीत में छिपे हुए हैं।
  • इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाकर इन आतंकियों को मार गिराया।

पुलिस और परिजनों के बीच टकराव

एनकाउंटर के बाद जशनप्रीत के परिवार ने इसे फर्जी करार दिया।

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  • उनका दावा है कि पुलिस ने बिना सबूत के उनके बेटे को मार दिया।
  • उन्होंने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
  • वहीं, पुलिस ने आतंकियों के पास से हथियार और ग्रेनेड बरामद किए हैं, जो उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं।

पुलिस की कार्रवाई और चुनौती

इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस ने संयुक्त रूप से काम किया।

  • पुलिस का कहना है कि आतंकियों की गतिविधियां भारत की सुरक्षा के लिए खतरा थीं।
  • इन आतंकियों को खत्म करना जरूरी था, क्योंकि वे भविष्य में और हमले कर सकते थे।
  • हालांकि, फर्जी एनकाउंटर के आरोपों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी

गुरदासपुर और पीलीभीत की इस घटना ने एक बार फिर आतंकवाद के खतरों को उजागर किया है।

  • देश की सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे मामलों में सतर्क रहना होगा।
  • सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी।
  • आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई जरूरी है, ताकि देश की शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जा सके।

गुरदासपुर पुलिस चौकी पर हमला और उसके बाद आतंकियों का पीलीभीत में एनकाउंटर एक बड़ी घटना है, जो आतंकवाद के खतरों की गंभीरता को दर्शाती है। हालांकि, एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल पुलिस के लिए चुनौती बन सकते हैं। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई से ही न्याय सुनिश्चित हो सकता है।

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